सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान। सुना रहा मैं आपको हर काव्य की दास्तान।
इस प्रकृति के बिना , कितना सूना है सब कुछ ? सोचो गर पेड़ ना हों , तो बिन श्वास जाए ये इस प्रकृति के बिना , कितना सूना है सब कुछ ? सोचो गर पेड़ ना हों , तो बिन...
अगर कोई इनको धर्म से जोड़ता है ,वो इंसानियत से मुँह मोड़ता है सिर्फ अपने फायदे के खात अगर कोई इनको धर्म से जोड़ता है ,वो इंसानियत से मुँह मोड़ता है सिर्फ अपने फाय...
वक्त उसी का होता जो, पलट कर ऊपर आता है। वक्त उसी का होता जो, पलट कर ऊपर आता है।
मोहब्बत अगर गुनाह है तो मंजूर है मुझे फांसी, मोहब्बत अगर गुनाह है तो मंजूर है मुझे फांसी,
सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषाएँ देनी ह सम्बन्धों को अनुबन्धों को परिभाषाएँ देनी होंगी होठों के संग नयनों को कुछ भाषा...